15 मई 2010

आंसू

आंखों में पानी देख
 कहीं तुम्हे रोने का भ्रम ना हो जाए
 तुम नहीं जानते कि रोते हुए , 
आंसू बाहर नहीं अन्दर गिरते हैं 

 --- गुरमीत बराङ

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