गामा आए गाम पर !
जन-गण जय-जयकार मचाते 
भारत-भाग्य-विधाता गाते 
पत्रकारगण धाते आते 
फोकस देते चाम पर !
लामा उतरे लाम पर ! 
हन-हन-हन हथियार चलाते  
विरोधियों के किले ढहाते 
ह्त्या करते, खून बहाते 
धरम-करम के नाम पर ! 
लहू दामनेदाम पर !
लहू दामनेबाम पर !
कवि-कोकिल-कुल चाय चुसकते 
कविता करते शाम पर !  
--- राकेश रंजन 
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