वॉन गॉग हर खत में
अपने भाई थियो को लिखता था
मुझ पर भरोसा रखना
एक सदी से ज़्यादा हो गए हैं
दोनों भाईयों को इस धरती से कूच किए
लेकिन धरती के कोने कोने में हजारों कटे-अधकटे हाथ आज भी
किसी न किसी थियो को लिख रहे हैं
मुझ पर भरोसा रखना...
––-सुधांशु फिरदौस
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 25 जून 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंMeri sankalit kavita ko chhapne ka shukriya
हटाएंबहुत सुंदर सृजन .
जवाब देंहटाएंसादर
sudhanshuji ki kalam ka kamaal hai..
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