27 जून 2021

हम होंगे कामयाब

होंगे कामयाब, होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो, हो,
मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन

होगी शान्ति चारों ओर
होगी शान्ति चारों ओर
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन
हो, हो,
मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन

हम चलेंगे साथ साथ
डाले हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन
हो, हो,
मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन

नहीं डर किसी का आज
नहीं भय किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन
हो, हो,
मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज के दिन

 --- Charles Albert Tindley (We Shall Overcome का गिरिजा कुमार माथुर द्वारा किया गया हिंदी भावानुवाद)

23 जून 2021

सीढ़ी

मुझे एक सीढ़ी की तलाश है
सीढ़ी दीवार पर चढ़ने के लिए नहीं
बल्कि नींव में उतरने के लिए

मैं किले को जीतना नहीं
उसे ध्वस्त कर देना चाहता हूं

---नरेश सक्सेना

17 जून 2021

इंसाफ की डगर पर

इंसाफ़ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के

दुनिया के रंज सहना और, कुछ ना मुँह से कहना
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के
इंसाफ़ की डगर पे...

अपने हों या पराए, सब के लिए हो न्याय
देखों क़दम तुम्हारा, हरगिज़ ना डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं, चलना संभल-संभल के
इंसाफ़ की डगर पे...

इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन की भेंट देकर, भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के
इंसाफ़ की डगर पे...

--- शकील बदायूँनी

10 जून 2021

Harlem

What happens to a dream deferred?


Does it dry up
like a raisin in the sun?
Or fester like a sore—
And then run?
Does it stink like rotten meat?
Or crust and sugar over—
like a syrupy sweet?

Maybe it just sags
like a heavy load.

Or does it explode?

---Langston Hughes

7 जून 2021

And the cities are falling asleep, each in its hour...

Warm wind in the palm leaves, and I think of snow
In my distance province when things happen
That belonged to another, inconceivable life.
The bright side of the planet moves toward darkness
And the cities are falling asleep, each in its hour,
And for me, now as then, it is too much.
There is too much world.

--- Czeslaw Milosz ( The Seperate Notebook)

3 जून 2021

दीमकें

दीमकों को
पढ़ना नहीं आता

वे चाट जाती हैं
पूरी
क़िताब

---नरेश सक्सेना