Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Feb 27, 2010
स्पर्श (Sparsh)
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कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी लबों पे रखता था दोनों आँखों से चूमता था झुकाके पेशानी यूँ अक़ीदत से छू रहा था जो आयतें पढ़ नहीं सका उन...
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Amir Khusro's Ghazal
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ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल, दुराये नैना बनाये बतियां कि ताब-ए-हिजरां नदारम ऎ जान, न लेहो काहे लगाये छतियां शबां-ए-हिजरां दरज़ चूं ज़ुल्फ़...
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Na kisi ki aankh kaa nuur hoon
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न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का करार हूँ जो किसी के काम न आ सके मैं वो एक मुश्त- ऐ -गुबार हूँ न तो मैं किसी का हबीब हूँ न तो मैं क...
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