Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Feb 27, 2010

स्पर्श (Sparsh)

›
कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी लबों पे रखता था दोनों आँखों से चूमता था झुकाके पेशानी यूँ अक़ीदत से छू रहा था जो आयतें पढ़ नहीं सका उन...
3 comments:

Amir Khusro's Ghazal

›
ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफ़ुल, दुराये नैना बनाये बतियां कि ताब-ए-हिजरां नदारम ऎ जान, न लेहो काहे लगाये छतियां शबां-ए-हिजरां दरज़ चूं ज़ुल्फ़...
6 comments:

Na kisi ki aankh kaa nuur hoon

›
न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का करार हूँ जो किसी के काम न आ सके मैं वो एक मुश्त- ऐ -गुबार हूँ न तो मैं किसी का हबीब हूँ न तो मैं क...
‹
›
Home
View web version
Powered by Blogger.