Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

May 29, 2011

सिली हवा छू गयी, सिला बदन छिल गया

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सिली हवा छू गयी, सिला बदन छिल गया सिली हवा छू गयी, सिला बदन छिल गया नीली नदी के परे, गीला सा चाँद खिल गया सिली हवा छू गयी, सिला बदन छिल ग...
May 28, 2011

3 Poems from संग्रह: उजाले अपनी यादों के

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1. अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लायेगा...

जिन्दगी आयी बनारस का जहाँ नाम आया

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मेरे होते भी अगर उनको न आराम आया जिन्दगी फिर मेरा जीना मेरे किस काम आया सिर्फ सहबा ही नहीं रात हुई है बदनाम आप की मस्त निगाहों पे भी इल्...
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