Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Aug 27, 2011
नीड का निर्माण
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नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्णान फिर-फिर! वह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा, धूलि धूसर बादलों ने भूमि को इस भाँति घेरा, ...
Aug 24, 2011
Chand Sher - 1
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1) न मौजें, न तूफां, न माझी, न साहिल मगर मन की नैया बही जा रही है चला जा रहा है वफ़ा का मुसाफ़िर जिधर भी तमन्ना लिये जा रही है | -दिल ...
Aug 15, 2011
जोश मलीहाबादी की एक नज़्म – आज के नाम
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लोग हमसे रोज कहते हैं ये आदत छोडिये ये तिजारत है खिलाफे-आदमियत छोडिये इससे बदतर लत नहीं है कोई, ये लत छोडिये रोज अखबारों में छपता है की रिश्...
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