Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Sep 28, 2011

जुस्तजू खोये हुओं की

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जुस्तजू खोये हुओं की उम्र भर करते रहे चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे रास्तों का इल्म था हम को न सिम्तों की ख़बर शहर-ए-नामालूम की च...
Sep 20, 2011

दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभाने वाला

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दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभाने वाला वो ही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला। क्या कहें कितने मरासिम थे हमारे उससे वो जो इक शख़्स है मुँह फे...
Sep 18, 2011

अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये

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अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये जिन चिराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं उन चिराग़ों को हवाओं से ...
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