Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Nov 27, 2012
तुम बिल्कुल हम जैसे निकले
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तुम बिल्कुल हम जैसे निकले अब तक कहाँ छिपे थे भाई वो मूरखता, वो घामड़पन जिसमें हमने सदी गंवाई आखिर पहुँची द्वार तुम्हारे अरे बधाई, बहु...
Nov 25, 2012
बर्बरता की ढाल ठाकरे
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बाल ठाकरे ! बाल ठाकरे!! कैसे फासिस्टी प्रभुओं की- गला रहा है दाल ठाकरे ! अबे सम्हल जा, वो आ पहुंचा बाल ठाकरे! सबने हां की, कौन ना करे! छिप ...
Nov 10, 2012
हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है
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हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये अपनी कुरसी के लिए जज्बात को मत छेड़िये हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है दफ़्न है जो बात, अ...
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