Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Jan 10, 2013

10 बेहतरीन शेर !!!

›
1) खुद से चल कर नहीं ये तर्ज ए सुखन आया है , पाँव दाबे हैं बुजुर्गों के , तो फ़न आया है .....!" 2)शब्द किस तरह कविता बनते हैं इसे दे...
3 comments:
Jan 4, 2013

ख्वाबे सहर

›
मेहर सदियों से चमकता ही रहा अफलाक पर, रात ही तारी रही इंसान की अदराक पर। अक्ल के मैदान में जुल्मत का डेरा ही रहा, दिल में तारिकी दिमागों ...
Jan 3, 2013

जिन्हें एतमाद-ए-बहार था, वो ही फूल रंग बदल गए

›
जो ग़मे हबीब से दूर थे, वो ख़ुद अपनी आग में जल गए जो ग़मे हबीब को पा गए, वो ग़मों से हंस के निकल गए जो थके थके से थे हौसले, वो शबाब बन के...
‹
›
Home
View web version
Powered by Blogger.