Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
May 21, 2013
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद
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रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद, आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है! उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता, और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है। जान...
May 1, 2013
ये चाह कब है मुझे सब का सब जहान मिले
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ये चाह कब है मुझे सब का सब जहान मिले मुझे तो बस मेरी ज़मीं मेरा आसमान मिले कमी नहीं है सजावट की इन मकानों में सुकून भी तो कभी इनके दरमिय...
Apr 23, 2013
किसी भी शहर में जाओ
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किसी भी शहर में जाओ कहीं क़याम करो कोई फ़ज़ा कोई मंज़र किसी के नाम करो. दुआ सलाम ज़रूरी है शहर वालों से मगर अकेले में अपना भी एहतराम करो...
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