Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Aug 29, 2014
सर्जना के क्षण
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एक क्षण भर और रहने दो मुझे अभिभूत : फिर जहाँ मैंने सँजोकर और भी सब रखी हैं ज्योति:शिखाएँ वहीं तुम भी चली जाना-शांत तेजोरूप। एक क्षण भर औ...
Aug 21, 2014
नहीं चुनी मैंने
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नहीं चुनी मैंने ये ज़मीन जो वतन ठहरी नहीं चुना मैंने वो घर जो खानदान बना नहीं चुना मैंने वो मज़हब जो मुझे बख्शा गया नहीं चुनी मैंने वो जु...
Aug 16, 2014
यदि होता किन्नर नरेश मैं
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यदि होता किन्नर नरेश मैं, राजमहल में रहता, सोने का सिंहासन होता, सिर पर मुकुट चमकता। बंदी जन गुण गाते रहते, दरवाजे पर मेरे, प्रतिदिन नौब...
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