Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Aug 14, 2015
मैं सोच रहा,
›
मैं सोच रहा, सिर पर अपार दिन, मास, वर्ष का धरे भार पल, प्रतिपल का अंबार लगा आखिर पाया तो क्या पाया? जब तान छिड़ी, मैं बोल उठा जब थाप ...
Aug 4, 2015
The Swallow
›
Oh, Swallow As you depart our spring slow down. In the wood burner's exhaust pipe as the firewood came inside, you forgot your echo...
Jul 25, 2015
सेलफ़ोन
›
आप अपने सेलफ़ोन पर बात करते हैं करते रहते हैं, करते जाते हैं और हँसते हैं अपने सेलफ़ोन पर यह न जानते हुए कि वह कैसे बना था और यह त...
‹
›
Home
View web version