Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Mar 21, 2016

ईरानी कविता

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शहतूत क्‍या आपने कभी शहतूत देखा है, जहां गिरता है, उतनी ज़मीन पर उसके लाल रस का धब्‍बा पड़ जाता है. गिरने से ज़्यादा पीड़ादायी कुछ नहीं...
Mar 1, 2016

कानून

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लोहे के पैरों में भारी बूट कन्‍धे से लटकती बन्दूक कानून अपना रास्ता पकड़ेगा हथकड़ियाँ डालकर हाथों में तमाम ताकत से उन्हें जेलों की ओर ख...
Feb 14, 2016

कुछ कर गुज़रने के लिये मौसम नहीं, मन चाहिए !

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कुछ कर गुज़रने के लिये मौसम नहीं, मन चाहिए ! थककर बैठो नहीं प्रतीक्षा कर रहा कोई कहीं हारे नहीं जब हौसले तब कम हुये सब फासले दूरी कहीं ...
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