Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
May 1, 2016
निवाला
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मां है रेशम के कारखाने में बाप मसरूफ सूती मिल में है कोख से मां की जब से निकला है बच्चा खोली के काले दिल में है जब यहाँ से निकल के जाएग...
Apr 2, 2016
कौन आज़ाद हुआ ?
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कौन आज़ाद हुआ ? किसके माथे से सियाही छुटी ? मेरे सीने मे दर्द है महकुमी का मादरे हिंद के चेहरे पे उदासी है वही कौन आज़ाद हुआ ? खंजर आज़ाद...
Mar 21, 2016
ईरानी कविता
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शहतूत क्या आपने कभी शहतूत देखा है, जहां गिरता है, उतनी ज़मीन पर उसके लाल रस का धब्बा पड़ जाता है. गिरने से ज़्यादा पीड़ादायी कुछ नहीं...
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