Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Nov 29, 2024

मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था

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मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था मैं उस को देखने को तरसती ही रह गई जिस शख़्स की हथेली पे मेरा नसीब था ब...
Nov 23, 2024

हज़ारों कांटों से

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हज़ारों कांटों से दामन बचा लिया मैंने, अना को मार के सब कुछ बचा लिया मैंने!! कहीं भी जाऊँ नज़र में हूँ इक ज़माने की, ये कैसा ख़ुद को तमाशा ब...
Nov 17, 2024

पत्रकारिता का सेल्फ़ीकरण

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कई बार सोचता हूँ बिलकुल सही समय पर मर गए पत्रकारिता के पुरोधा, नहीं रहे तिलक और गांधी, नहीं रहे बाबूराव विष्णु पराड़कर गणेश शंकर विद्यार्थी भ...
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