Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Dec 25, 2024

देह सिवा बरु मोहि इहै गुरु

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 देह शिवा बरु मोहि इहै सुभ करमन ते कबहूं न टरों। न डरों अरि सो जब जाइ लरों निसचै करि अपुनी जीत करों ॥ अरु सिख हों आपने ही मन कौ इह लालच हउ ग...
Dec 20, 2024

किराए का घर

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किराए का घर बदलने पर सिर्फ़ एक किराए का घर नहीं छूटता उसके साथ एक किराने की दुकान भी छूट जाती है कुछ भले पड़ोसी छूट जाते हैं कुछ पेड़ कुछ पखेर...
Dec 13, 2024

हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें

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हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें तुम ने मेरे घर न आने की क़सम खाई तो है आँसुओं से भी ...
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