Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
May 28, 2025
भले दिनों की बात थी
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भले दिनों की बात थी भली सी एक शक्ल थी ना ये कि हुस्ने ताम हो ना देखने में आम सी ना ये कि वो चले तो कहकशां सी रहगुजर लगे मगर वो साथ हो तो फिर...
May 22, 2025
जंगल जंगल बात चली है (Jungle Book) (Old Doordarshan Serial Title Song)
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जंगल जंगल बात चली है पता चला है.. जंगल जंगल बात चली है। पता चला है.. अरे चड्डी पहन के फूल खिला है फूल खिला है अरे चड्डी पहन के फूल खिला ह...
May 17, 2025
अछूत की शिकायत (भोजपुरी कविता)
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हमनी के रात-दिन दुखवा भोगत बानी, हमनी के सहेबे से मिनती सुनाइब। हमनी के दुख भगवनओं न देखताजे, हमनी के कबले कलेसवा उठाइब। पदरी सहेब के कचहरी ...
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