Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Oct 12, 2019
जो हुआ सो हुआ
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उठ के कपड़े बदल उठ के कपड़े बदल घर से बाहर निकल जो हुआ सो हुआ॥ जब तलक साँस है भूख है प्यास है ये ही इतिहास है रख के कांधे पे हल खेत...
Oct 8, 2019
सावधानी
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जो बहुत बोलता हो, उसके साथ कम बोलो l जो हमेशा चुप रहे, उसके सामने हृदय मत खोलो l --- रामधारी सिंह दिनकर
Oct 2, 2019
ऐ शरीफ़ इंसानो
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खून अपना हो या पराया हो नस्ले आदम का खून है आखिर जंग मशरिक में हो कि मगरिब में अमने आलम का खून है आखिर बम घरों पर गिरें के सरहद पर रूह...
Sep 30, 2019
एक पूरी उम्र
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यक़ीन मानिए इस आदमख़ोर गाँव में मुझे डर लगता है बहुत डर लगता है लगता है कि अभी बस अभी ठकुराइसी मेड़ चीख़ेगी मैं अधशौच ही खेत से उठ आऊ...
Sep 18, 2019
कोसल में विचारों की कमी है!
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महाराज बधाई हो! महाराज की जय हो। युद्ध नहीं हुआ लौट गए शत्रु। वैसे हमारी तैयारी पूरी थी! चार अक्षौहिणी थीं सेनाएँ, दस सहस्र अश्व, लग...
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