Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

Mar 23, 2021

अब गुरिल्ले ही बनेंगे लोग मेरे गांव में

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ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गाँव के अब अँधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गाँव के कह रही है झोपडी औ’ पूछते हैं खेत भी, कब तलक लुटते रहेंगे लोग...
Mar 15, 2021

"Estadio Chile", or "Somos Cinco Mil"

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There are five thousand of us herein this small part of the city. We are five thousand. I wonder how many we are in all in the cities and in...
Mar 8, 2021

उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है

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उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे क़ल्ब-ए-माहौल में लर्ज़ां शरर-ए-जंग हैं आज हौसले वक़्त के और ज़ीस्त के यक-रंग हैं आज आबगीनों में तपाँ ...
Mar 1, 2021

मन न रँगाये रँगाये जोगी कपड़ा

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मन न रँगाये रँगाये जोगी कपड़ा।। टेक।। आसन मारि मंदिर में बैठे, नाम छाड़ि पूजन लागे पथरा।। 1।।  कनवां फड़ाय जोगी जटवा बढ़ौले, दाढ़ी बढ़ाय जोग...
Feb 23, 2021

पुल बन गया था

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 मैं जिन लोगों के लिए पुल बन गया था  वे जब मुझ पर से  गुज़र कर जा रहे थे मैंने सुना—मेरे बारे में कह रहे थे : वह कहाँ छूट गया  चुप-सा आदमी? श...
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