Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
Oct 25, 2024
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
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सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता...
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Oct 15, 2024
लीक पर वे चलें
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लीक पर वे चलें जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पंथ प्यारे हैं। साक्षी हों राह रोके खड़े पीले बाँस ...
Oct 9, 2024
वसीयत वही लिखता है
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"वसीयत वही लिखता है जिसके पास जमा-पूँजी होती है ग़रीब आदमी वसीयत नहीं लिखता-- वह अपने दुख की किताब लिख सकता था कि उस पर क्या बीती उसकी ल...
Oct 2, 2024
उम्र में उस से बड़ी थी
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उम्र में उस से बड़ी थी लेकिन पहले टूट के बिखरी मैं साहिल साहिल जज़्बे थे और दरिया दरिया पहुँची मैं शहर में उस के नाम के जितने शख़्स थे सब ...
Sep 26, 2024
पेट की आग बुझाने का सबब कर रहे हैं
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पेट की आग बुझाने का सबब कर रहे हैं इस ज़माने के कई मीर मतब कर रहे हैं कोई हमदर्द भरे शहर में बाक़ी हो तो हो इस कड़े वक़्त में गुमराह तो सब क...
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