Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
28 सितंबर 2011
जुस्तजू खोये हुओं की
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जुस्तजू खोये हुओं की उम्र भर करते रहे चाँद के हमराह हम हर शब सफ़र करते रहे रास्तों का इल्म था हम को न सिम्तों की ख़बर शहर-ए-नामालूम की च...
20 सितंबर 2011
दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभाने वाला
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दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभाने वाला वो ही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला। क्या कहें कितने मरासिम थे हमारे उससे वो जो इक शख़्स है मुँह फे...
18 सितंबर 2011
अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये
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अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये जिन चिराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं उन चिराग़ों को हवाओं से ...
6 सितंबर 2011
सत्य
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सत्य को लकवा मार गया है वह लंबे काठ की तरह पड़ा रहता है सारा दिन, सारी रात वह फटी–फटी आँखों से टुकुर–टुकुर ताकता रहता है सारा दिन, सारी ...
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सच हम नहीं सच तुम नहीं
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सच हम नहीं सच तुम नहीं सच है सतत संघर्ष ही । संघर्ष से हट कर जिए तो क्या जिए हम या कि तुम। जो नत हुआ वह मृत हुआ ज्यों वृन्त से झर कर कुस...
2 टिप्पणियां:
5 सितंबर 2011
कल और आज
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अभी कल तक गालियॉं देती तुम्हें हताश खेतिहर, अभी कल तक धूल में नहाते थे गोरैयों के झुंड, अभी कल तक पथराई हुई थी धनहर खेतों की माटी, ...
27 अगस्त 2011
नीड का निर्माण
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नीड़ का निर्माण फिर-फिर, नेह का आह्णान फिर-फिर! वह उठी आँधी कि नभ में छा गया सहसा अँधेरा, धूलि धूसर बादलों ने भूमि को इस भाँति घेरा, ...
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