Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
May 21, 2014
कमर बांधे हुए चलने को याँ सब यार बैठे हैं
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कमर बांधे हुए चलने को याँ सब यार बैठे हैं । बहोत आगे गए, बाक़ी जो हैं तैयार बैठे हैं ।। न छेड़ ए निक़हत-ए-बाद-ए-बहारी, राह लग अपनी । तुझ...
May 1, 2014
समंदर की उम्र
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लहर ने समंदर से उसकी उम्र पूछी समंदर मुस्करा दिया। लेकिन, जब बूंद ने लहर से उसकी उम्र पूछी तो लहर बिगड़ गई कुढ़ गई चिढ़ गई बूंद के...
April 10, 2014
Dalit Poetry
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I can be a Hindu A Buddhist, A Muslim But the shadow Shall never be severed from me, The Kuladi is done, The broom is gone, But the ...
March 18, 2014
अच्छे बच्चे
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कुछ बच्चे बहुत अच्छे होते हैं वे गेंद और ग़ुब्बारे नहीं मांगते मिठाई नहीं मांगते ज़िद नहीं करते और मचलते तो हैं ही नहीं बड़ों का कहना ...
February 7, 2014
हिज्र की पहली शाम
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हिज्र की पहली शाम के साये दूर उफ़क़ तक छाये थे हम जब उसके शहर से निकले सब रास्ते सँवलाये थे जाने वो क्या सोच रहा था अपने दिल में सारी रात...
January 30, 2014
जब लगें ज़ख्म...
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जब लगें ज़ख्म तो क़ातिल को दुआ दी जाये है यही रस्म, तो यह रस्म उठा दी जाये तिशनगी कुछ तो बुझे तिशना-लबान-ए-गम की एक नदी दर्द की शहरों मे...
January 25, 2014
Grass
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Pile the bodies high at Austerlitz and Waterloo. Shovel them under and let me work— I am the grass; I cover all. And pile them high at G...
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