Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

14 अगस्त 2016

नूर मियां

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आज तो चाहे कोई विक्टोरिया छाप काजल लगाये या साध्वी ऋतंभरा छाप अंजन लेकिन असली गाय के घी का सुरमा तो नूर मियां ही बनाते थे कम से कम मेरी ...
7 जुलाई 2016

वे मुसलमान थे

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कहते हैं वे विपत्ति की तरह आए कहते हैं वे प्रदूषण की तरह फैले वे व्याधि थे ब्राह्मण कहते थे वे मलेच्छ थे वे मुसलमान थे उन्होंने अपने घो...
4 जुलाई 2016

एन.जी.ओ. एक ख़तरनाक साम्राज्यवादी कुचक्र

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भिखमंगे आये नवयुग का मसीहा बनकर, लोगों को अज्ञान, अशिक्षा और निर्धनता से मुक्ति दिलाने । अद्भुत वक्तृता, लेखन–कौशल और सांगठनिक क्षमता से...
1 मई 2016

निवाला

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मां है रेशम के कारखाने में बाप मसरूफ सूती मिल में है कोख से मां की जब से निकला है बच्चा खोली के काले दिल में है जब यहाँ से निकल के जाएग...
2 अप्रैल 2016

कौन आज़ाद हुआ ?

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कौन आज़ाद हुआ ? किसके माथे से सियाही छुटी ? मेरे सीने मे दर्द है महकुमी का मादरे हिंद के चेहरे पे उदासी है वही कौन आज़ाद हुआ ? खंजर आज़ाद...
21 मार्च 2016

ईरानी कविता

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शहतूत क्‍या आपने कभी शहतूत देखा है, जहां गिरता है, उतनी ज़मीन पर उसके लाल रस का धब्‍बा पड़ जाता है. गिरने से ज़्यादा पीड़ादायी कुछ नहीं...
1 मार्च 2016

कानून

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लोहे के पैरों में भारी बूट कन्‍धे से लटकती बन्दूक कानून अपना रास्ता पकड़ेगा हथकड़ियाँ डालकर हाथों में तमाम ताकत से उन्हें जेलों की ओर ख...
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