Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
16 दिसंबर 2017
दश्त-ए-तन्हाई
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दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहाँ लर्ज़ां हैं तेरी आवाज़ के साए तिरे होंटों के सराब दश्त-ए-तन्हाई में दूरी के ख़स ओ ख़ाक तले खिल रहे हैं तिर...
3 टिप्पणियां:
10 दिसंबर 2017
हर तरफ धुआं है
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हर तरफ धुआं है हर तरफ कुहासा है जो दांतों और दलदलों का दलाल है वही देशभक्त है. अंधकार में सुरक्षित होने का नाम है- तटस्थता. यहां कायर...
6 दिसंबर 2017
कर्फ्यू में एक घन्टे की छूट
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मैं चिड़ियाघर से वापस आ रहा था और तुम लौट रहे थे खेल के मैदान से जब मैंने अपने छोटे भाई के गायब होने की खबर तुम्हें दी l हम कि जो प्यार...
30 नवंबर 2017
Sometimes
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Sometimes things don't go, after all, from bad to worse. Some years, muscadel faces down frost; green thrives; the crops don't fai...
14 नवंबर 2017
'Wild Child'
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'They caught all the wild children, and put them in zoos, They made them do sums and wear sensible shoes. They put them to bed at t...
9 नवंबर 2017
रोटी और संसद
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एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है एक तीसरा आदमी भी है जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है वह सिर्फ रोटी से खेलता है मैं पूछता ...
8 अक्टूबर 2017
जूठे पत्ते
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क्या देखा है तुमने नर को, नर के आगे हाथ पसारे? क्या देखे हैं तुमने उसकी, आँखों में खारे फव्वारे? देखे हैं? फिर भी कहते हो कि तुम नहीं हो वि...
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