Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
31 मार्च 2018
आटे-दाल का भाव
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आटे के वास्ते हैं हविस मुल्क-ओ-माल की आटा जो पालकी है तो है दाल नाल की आटे ही दाल से है दुरुस्ती ये हाल की इसे ही सबकी ख़ूबी जो है हाल क़ाल...
24 मार्च 2018
एक भाषा हुआ करती है
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एक भाषा हुआ करती है जिसमें जितनी बार मैं लिखना चाहता हूं `आंसू´ से मिलता जुलता कोई शब्द हर बार बहने लगती है रक्त की धार एक भाषा है जिसे ...
18 मार्च 2018
In the Village
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I I came up out of the subway and there were people standing on the steps as if they knew something I didn't. This was in the Cold W...
15 मार्च 2018
बहार आई तो
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बहार आई तो जैसे यक-बार लौट आए हैं फिर अदम से वो ख़्वाब सारे शबाब सारे जो तेरे होंटों पे मर-मिटे थे जो मिट के हर बार फिर जिए थे निखर गए ...
1 टिप्पणी:
13 मार्च 2018
शब्द
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मेरे शब्द जब गेहूँ थे मैं था धरती. मेरे शब्द जब रोष थे मैं था तूफ़ान. मेरे शब्द जब चट्टान थे मैं था नदी. जब मेरे शब्द बन गए शहद मक्खिय...
4 फ़रवरी 2018
The Country Without a Post Office
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1 Again I’ve returned to this country where a minaret has been entombed. Someone soaks the wicks of clay lamps in mustard oil, each nigh...
26 जनवरी 2018
किस्सा जनतंत्र
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करछलु - बटलोही से बतियाती है और चिमटा तवे से मचलता है चूल्हा कुछ नहीं बोलता चुपचाप जलता है और जलता रहता है औरत - गवें गवें उठती है - ...
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