Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
30 सितंबर 2019
एक पूरी उम्र
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यक़ीन मानिए इस आदमख़ोर गाँव में मुझे डर लगता है बहुत डर लगता है लगता है कि अभी बस अभी ठकुराइसी मेड़ चीख़ेगी मैं अधशौच ही खेत से उठ आऊ...
18 सितंबर 2019
कोसल में विचारों की कमी है!
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महाराज बधाई हो! महाराज की जय हो। युद्ध नहीं हुआ लौट गए शत्रु। वैसे हमारी तैयारी पूरी थी! चार अक्षौहिणी थीं सेनाएँ, दस सहस्र अश्व, लग...
15 सितंबर 2019
कितना चौड़ा पाट नदी का
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कितना चौड़ा पाट नदी का, कितनी भारी शाम, कितने खोए–खोए से हम, कितना तट निष्काम, कितनी बहकी–बहकी सी दूरागत–वंशी–टेर, कितनी टूटी–टूटी सी ...
14 सितंबर 2019
सरकारी हिन्दी
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डिल्लू बापू पंडित थे बिना वैसी पढ़ाई के जीवन में एक ही श्लोक उन्होंने जाना वह भी आधा उसका भी वे अशुद्ध उच्चारण करते थे यानी ‘त्वमेव म...
1 टिप्पणी:
8 सितंबर 2019
Preface
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"चुटकुलों, भँड़ैती, विद्रूप से मज़ेदार बनी कविता अब भी ख़ुश करना जानती है। तब उसकी श्रेष्ठता को बहुत सराहा जाता है। किन्तु जहाँ ज़िंदगी...
5 सितंबर 2019
दस्तूर
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दीप जिस का महल्लात ही में जले चंद लोगों की ख़ुशियों को ले कर चले वो जो साए में हर मस्लहत के पले ऐसे दस्तूर को सुब्ह-ए-बे-नूर को मैं नही...
4 सितंबर 2019
तैयार रहे…...
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तैयार रहे…... हिंसक भीड़ के हाथों, पीटे जाने के लिए. बार-बार, बहानों से घेरे जाने के लिए, असहमतियों के चलते, मारे जाने के लिए, तैयार ...
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