Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
16 अगस्त 2018
व्याख्या
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एक दिन कहा गया था दुनिया की व्याख्या बहुत हो चुकी ज़रूरत उसे बदलने की है तब से लगातार बदला जा रहा है दुनिया को बदली है अपने-आप भी पर ...
15 अगस्त 2018
अधिनायक
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राष्ट्रगीत में भला कौन वह भारत-भाग्य-विधाता है फटा सुथन्ना पहने जिसका गुन हरिचरना गाता है l मखमल टमटम बल्लम तुरही पगड़ी छत्र चँवर के सा...
6 अगस्त 2018
हिरोशिमा
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एक दिन सहसा सूरज निकला अरे क्षितिज पर नहीं, नगर के चौक : धूप बरसी पर अंतरिक्ष से नहीं, फटी मिट्टी से. छायाएँ मानव-जन की दिशाहीन सब...
5 जुलाई 2018
जितने सभ्य होते हैं
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जितने सभ्य होते हैं उतने अस्वाभाविक । आदिवासी जो स्वाभाविक हैं उन्हें हमारी तरह सभ्य होना है हमारी तरह अस्वाभाविक । जंगल का चंद्रमा ...
4 जुलाई 2018
The New Colossus
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Not like the brazen giant of Greek fame, With conquering limbs astride from land to land; Here at our sea-washed, sunset gates shall stand...
What Father Knows
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My father knows the proper way The nation should be run; He tells us children every day Just what should now be done. He knows ...
3 जुलाई 2018
बात बोलेगी
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बात बोलेगी हम नहीं भेद खोलेगी बात ही l सत्य का मुख झूठ की आँखें क्या - देखें ! सत्य का रुख समय का रुख है : अ...
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