Lyrics of Life

Poetry is untranslatable, like the whole art.

25 अक्टूबर 2020

मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नहीं है कुछ

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मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत नहीं है कुछ तुलसी ने बाल्मीकि ने छोड़ा नहीं है कुछ फिर ऐसा कोई ख़ास कलम वर नहीं हूँ मैं लेकिन वतन की ख़ाक से बा...
15 अक्टूबर 2020

सफेद हाथी

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गाँव के दक्खिन में पोखर की पार से सटा, यह डोम पाड़ा है – जो दूर से देखने में ठेठ मेंढ़क लगता है और अन्दर घुसते ही सूअर की खुडारों में बदल...
12 अक्टूबर 2020

हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी

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हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तनहाईयों का शिकार आदमी सुबह से शाम तक बोझ ढोता हुआ अपनी ही लाश का ख़ुद मज़ार आदमी हर तरफ़ भागते दौड...
9 अक्टूबर 2020

ऐसे नहीं जाग कर बैठो तुम हो पहरेदार चमन के

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ऐसे नहीं जाग कर बैठो तुम हो पहरेदार चमन के,  चिंता क्या है सोने दो यदि सोते हैं सरदार चमन के,   वैसे भी ये बड़े लोग हैं अक्सर धूप चढ़े जगते ...
5 अक्टूबर 2020

Start Close In

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Start close in,  don’t take the second step or the third,  start with the first thing close in,  the step you don’t want to take.  Start wit...
2 अक्टूबर 2020

वसीयत

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गांधी के मरने के बाद चश्मा मिला अंधी जनता को घड़ी ले गए अंग्रेज़ धोती और सिद्धांत जल गए चिता के साथ गांधीजनों ने पाया राजघाट संस्थाओं ...
4 टिप्‍पणियां:
30 सितंबर 2020

ज्वालामुखी के मुहाने

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तुमने कहा — 'मैं ईश्वर हूँ' हमारे सिर झुका दिए गए। तुमने कहा — 'ब्रह्म सत्यम, जगत मिथ्या' हमसे आकाश पुजाया गया। तुमन...
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