Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
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May 11, 2025
'भारत'
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मेरे सम्मान का सबसे महान शब्द जहाँ कहीं भी प्रयोग किया जाए बाक़ी सभी शब्द अर्थहीन हो जाते है इस शब्द के अर्थ खेतों के उन बेटों में है जो आज ...
December 25, 2024
देह सिवा बरु मोहि इहै गुरु
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देह शिवा बरु मोहि इहै सुभ करमन ते कबहूं न टरों। न डरों अरि सो जब जाइ लरों निसचै करि अपुनी जीत करों ॥ अरु सिख हों आपने ही मन कौ इह लालच हउ ग...
June 11, 2024
कविवर
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मैं पहली पंक्ति लिखता हूँ और डर जाता हूँ राजा के सिपाहियों से पंक्ति को काट देता हूँ मैं दूसरी पंक्ति लिखता हूँ और डर जाता हूँ गुरिल्ला बा...
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May 14, 2021
फिर भी
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उसका कुछ भी तो नहीं था पास मेरे न कोई ख़त, न सपना न कोई याद, न दुआ न कोई अँगूठी, न छल्ला न कोई रूमाल उसका कुछ भी तो नहीं था मेरे पास न उसके ...
April 10, 2021
उत्तर आधुनिक आलोचक
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जब मैंने भूख को भूख कहा प्यार को प्यार कहा तो उन्हें बुरा लगा जब मैंने पक्षी को पक्षी कहा आकाश को आकाश कहा वृक्ष को वृक्ष और शब्द को शब्द कह...
March 23, 2021
अब गुरिल्ले ही बनेंगे लोग मेरे गांव में
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ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गाँव के अब अँधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गाँव के कह रही है झोपडी औ’ पूछते हैं खेत भी, कब तलक लुटते रहेंगे लोग...
February 23, 2021
पुल बन गया था
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मैं जिन लोगों के लिए पुल बन गया था वे जब मुझ पर से गुज़र कर जा रहे थे मैंने सुना—मेरे बारे में कह रहे थे : वह कहाँ छूट गया चुप-सा आदमी? श...
May 1, 2018
मैं घास हूँ
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मैं घास हूँ मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा बम फेंक दो चाहे विश्वविद्यालय पर बना दो होस्टल को मलबे का ढेर सुहागा फिरा दो भले ही हमारी...
1 comment:
May 1, 2017
सपने
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सपने हर किसी को नहीं आते बेजान बारूद के कणों में सोई आग के सपने नहीं आते बदी के लिए उठी हुयी हथेली को पसीने नहीं आते शेल्फों में पड़े ...
January 23, 2017
अंत में
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अंत में हमें पैदा नहीं होना था हमें लड़ना नहीं था हमें तो हेमकुंठ पर बैठ कर भक्ति करनी थी लेकिन जब सतलुज के पानी से भाप उठी जब क़ाज़ी नज़...
January 12, 2012
हम लड़ेंगे
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हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिए हम लड़ेंगे साथी, ग़ुलाम इच्छाओं के लिए हम चुनेंगे साथी, ज़िन्दगी के टुकड़े हथौड़ा अब भी चलता है, उदास ...
October 11, 2010
Bullah ki jaana
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Bulla, ki jaana main kaun Bulla, ki jaana main kaun Na main moman vich maseetan Na main vich kufar dian reetan Na main pakan vich palee...
May 15, 2010
आंसू
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आंखों में पानी देख कहीं तुम्हे रोने का भ्रम ना हो जाए तुम नहीं जानते कि रोते हुए , आंसू बाहर नहीं अन्दर गिरते हैं --- गुरमीत बराङ
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