2 अक्टूबर 2021

सड़क पर किसान

 "जिनकी जेबें भरने के लिए 

किसानों का पेट तुम काट रहे 

सब जानते हैं छुप-छुप कर 

किस-किसके तलवे चाट रहे 

क्यों तुमसे न वह आज लड़ेगा 

मूर्तियाँ गिराते-गिराते 

गिर गए हैं जो अपने भीतर 

हुजूम किसानों का फिर से उन्हें 

सवालों के चौराहे पर खड़ा करेगा।"

जसिंता केरकेट्टा

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