सितारों के आगे जहाँ और भी हैं
अभी इश्क़[1] के इम्तिहाँ[2] और भी हैं
तही ज़िन्दगी से नहीं ये फ़ज़ायें
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं
क़ना'अत[3]न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू[4]पर
चमन और भी, आशियाँ[5]और भी हैं
अगर खो गया एक नशेमन तो क्या ग़म
मक़ामात-ए-आह-ओ-फ़ुग़ाँ[6]और भी हैं
तू शाहीं[7]है परवाज़[8]है काम तेरा
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं
इसी रोज़-ओ-शब [9]में उलझ कर न रह जा
के तेरे ज़मीन-ओ-मकाँ [10]और भी हैं
गए दिन के तन्हा था मैं अंजुमन [11]में
यहाँ अब मेरे राज़दाँ [12]और भी हैं
--- अल्लामा इक़बाल
शब्दार्थ:
1 ↑ प्रेम
2 ↑ परीक्षाएँ
3 ↑ संतोष
4 ↑ इन्द्रीय संसार
5 ↑ घरौंदे
6 ↑ रोने-धोने की जगहें
7 ↑ गरुड़ , उक़ाब
8 ↑ उड़ान भरना
9 ↑ सुबह -शाम के चक्कर
10 ↑ धरती और मकान
11 ↑ महफ़िल
12 ↑ रहस्य जानने वाले
Sep 2, 2015
Aug 14, 2015
मैं सोच रहा,
मैं सोच रहा, सिर पर अपार
दिन, मास, वर्ष का धरे भार
पल, प्रतिपल का अंबार लगा
आखिर पाया तो क्या पाया?
 
जब तान छिड़ी, मैं बोल उठा
जब थाप पड़ी, पग डोल उठा
औरों के स्वर में स्वर भर कर
अब तक गाया तो क्या गाया?
दिन, मास, वर्ष का धरे भार
पल, प्रतिपल का अंबार लगा
आखिर पाया तो क्या पाया?
जब तान छिड़ी, मैं बोल उठा
जब थाप पड़ी, पग डोल उठा
औरों के स्वर में स्वर भर कर
अब तक गाया तो क्या गाया?
सब लुटा विश्व को रंक हुआ
रीता तब मेरा अंक हुआ
दाता से फिर याचक बनकर
कण-कण पाया तो क्या पाया?
जिस ओर उठी अंगुली जग की
उस ओर मुड़ी गति भी पग की
जग के अंचल से बंधा हुआ
खिंचता आया तो क्या आया?
जो वर्तमान ने उगल दिया
उसको भविष्य ने निगल लिया
है ज्ञान, सत्य ही श्रेष्ठ किंतु
जूठन खाया तो क्या खाया?
Aug 4, 2015
The Swallow
Oh, Swallow
As you depart our spring
slow down.
In the wood burner's exhaust pipe
as the firewood came inside,
you forgot your echo.
Oh, Swallow,
slow down.
With the feather in the
window, Swallow,
we adorned
the martyr's picture
and death flew out of the picture.
Slow down, Swallow.
The nest belongs
to whoever builds it.
---Hala Mohammad
As you depart our spring
slow down.
In the wood burner's exhaust pipe
as the firewood came inside,
you forgot your echo.
Oh, Swallow,
slow down.
With the feather in the
window, Swallow,
we adorned
the martyr's picture
and death flew out of the picture.
Slow down, Swallow.
The nest belongs
to whoever builds it.
---Hala Mohammad
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