बात कम कीजिए, ज़हानत को छुपाते रहिये
अजनबी शहर है यह, दोस्त बनाते रहिये
दुश्मनी लाख सही, ख़त्म न कीजिए रिश्ता
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिये
ये तो चेहरे का फ़क़त अक्स है तस्वीर नहीं
इस पे कुछ रंग अभी और चढाते रहिये
गम है आवारा अकेले मैं भटक जाता है
जिस जगह रहिये वहां मिलते मिलाते रहिये
जाने कब चाँद बिखर जाए घने जंगल मैं
अपने घर के दर-ओ-दीवार सजाते रहिये
--- निदा फ़ाज़ली
wonderful..!
जवाब देंहटाएंBeautiful lines...or haan !!!
जवाब देंहटाएंCorona jaye na jaye social distancing banaye rakhiye.......
बहुत खूब
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