मुहब्बत में वफ़ादारी से बचिये 
जहाँ तक हो अदाकारी से बचिये 
हर एक सूरत भली लगती है कुछ दिन 
लहू की शोबदाकारी[1] से बचिये 
शराफ़त आदमियत दर्द-मन्दी 
बड़े शहरों में बीमारी से बचिये 
ज़रूरी क्या हर एक महफ़िल में आना 
तक़ल्लुफ़ की रवादारी[2] से बचिये 
बिना पैरों के सर चलते नहीं हैं 
बुज़ुर्गों की समझदारी से बचिये
शब्दार्थ:
↑ धोखा
↑ उदारता
--- निदा फ़ाज़ली 
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