Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
21 अगस्त 2022
इब्नबतूता पहन के जूता
इब्नबतूता पहन के जूता
निकल पड़े तूफान में
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
घुस गई थोड़ी कान में
कभी नाक को,
कभी कान को मलते इब्नबतूता
इसी बीच में निकल पड़ा
उनके पैरों का जूता
उड़ते उड़ते जूता उनका
जा पहुँचा जापान में
इब्नबतूता खड़े रह गये
मोची की दुकान में
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सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
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