Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
15 अक्टूबर 2023
रात भर
'रात भर चलती हैं रेलें
ट्रक ढोते हैं माल रात भर
कारख़ाने चलते हैं
कामगार रहते हैं बेहोश
होशमंद करवटें बदलते हैं
रात भर
अपराधी सोते हैं
अपराधों का कोई सम्बन्ध अब
अँधेरे से नहीं रहा
सुबह सभी दफ़्तर
खुलते हैं अपराध के'
~ नरेश सक्सेना
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