Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
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20 दिसंबर 2024
किराए का घर
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किराए का घर बदलने पर सिर्फ़ एक किराए का घर नहीं छूटता उसके साथ एक किराने की दुकान भी छूट जाती है कुछ भले पड़ोसी छूट जाते हैं कुछ पेड़ कुछ पखेर...
13 दिसंबर 2024
हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें
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हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें तुम ने मेरे घर न आने की क़सम खाई तो है आँसुओं से भी ...
6 दिसंबर 2024
अयोध्या, 1992
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हे राम, जीवन एक कटु यथार्थ है और तुम एक महाकाव्य! तुम्हारे बस की नहीं उस अविवेक पर विजय जिसके दस बीस नहीं अब लाखों सर - लाखों हाथ हैं, और वि...
29 नवंबर 2024
मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था
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मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था मैं उस को देखने को तरसती ही रह गई जिस शख़्स की हथेली पे मेरा नसीब था ब...
23 नवंबर 2024
हज़ारों कांटों से
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हज़ारों कांटों से दामन बचा लिया मैंने, अना को मार के सब कुछ बचा लिया मैंने!! कहीं भी जाऊँ नज़र में हूँ इक ज़माने की, ये कैसा ख़ुद को तमाशा ब...
17 नवंबर 2024
पत्रकारिता का सेल्फ़ीकरण
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कई बार सोचता हूँ बिलकुल सही समय पर मर गए पत्रकारिता के पुरोधा, नहीं रहे तिलक और गांधी, नहीं रहे बाबूराव विष्णु पराड़कर गणेश शंकर विद्यार्थी भ...
14 नवंबर 2024
ये किताबें बदलनी हैं तुम्हें!
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किसान के बच्चों ने किताब का पहला पन्ना खोला देर तक किताबों में ढूँढ़ा अपने पिता को मिस्त्री का बच्चा ढूँढ़ता रहा मिस्त्री किताबों में दुनिया...
2 नवंबर 2024
चाँदनी की पाँच परतें
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चाँदनी की पाँच परतें, हर परत अज्ञात है । एक जल में, एक थल में, एक नीलाकाश में । एक आँखों में तुम्हारे झिलमिलाती, एक मेरे बन रहे विश्वास में ...
25 अक्टूबर 2024
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
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सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता...
3 टिप्पणियां:
15 अक्टूबर 2024
लीक पर वे चलें
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लीक पर वे चलें जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पंथ प्यारे हैं। साक्षी हों राह रोके खड़े पीले बाँस ...
26 सितंबर 2024
पेट की आग बुझाने का सबब कर रहे हैं
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पेट की आग बुझाने का सबब कर रहे हैं इस ज़माने के कई मीर मतब कर रहे हैं कोई हमदर्द भरे शहर में बाक़ी हो तो हो इस कड़े वक़्त में गुमराह तो सब क...
19 सितंबर 2024
मुझे उतनी दूर मत ब्याहना
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मुझे उतनी दूर मत ब्याहना जहाँ मुझसे मिलने जाने ख़ातिर घर की बकरियाँ बेचनी पड़े तुम्हे मत ब्याहना उस देश में जहाँ आदमी से ज़्यादा ईश्वर बसते ...
12 सितंबर 2024
|| कविताएँ देशहित में नहीं होतीं ||
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कविताएँ देशहित में नहीं होतीं जैसे हवाएँ नेत्रहित में नहीं होतीं वही उकसाती हैं रेतकणों को उछलकर किरकिरी बन जाने के लिए वैसे ही कविताएँ देशह...
5 सितंबर 2024
बुख़ार में कविता
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'मंच पर खड़े होकर कुछ बेवक़ूफ़ चीख़ रहे हैं कवि से आशा करता है सारा देश। मूर्खों! देश को खोकर ही मैंने प्राप्त की थी यह कविता...' ~ ...
27 अगस्त 2024
15 बेहतरीन शेर - 12 !!!
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1. कोठियों से मुल्क के मेआर को मत आँकिए, असली हिंदुस्तान तो फुटपाथ पर आबाद है. जिस शहर में मुंतज़िम अंधे हों जल्वागाह के, उस शहर में रोश...
23 अगस्त 2024
एक चंबेली के मंडवे तले
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एक चंबेली के मंडवे तले मैकदे से ज़रा दूर उस मोड़ पर दो बदन प्यार की आग में जल गए प्यार हर्फ़ ए वफ़ा प्यार उनका ख़ुदा प्यार उनकी चिता दो बदन ...
15 अगस्त 2024
एक ईमानदार दुनिया के लिए
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तुम्हें तो कुछ भी याद नहीं होगा किसी का नाम-गाम संघर्ष, अपमान, लात-घूँसे यातना के दिन सपने, स्वाधीनता और जय-जयकार कुछ भी तो याद नहीं होगा तु...
1 टिप्पणी:
9 अगस्त 2024
घर रहेंगे, हमीं उनमें रह न पाएँगे :
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घर रहेंगे, हमीं उनमें रह न पाएँगे : समय होगा, हम अचानक बीत जाएँगे : अनर्गल ज़िंदगी ढोते किसी दिन हम एक आशय तक पहुँच सहसा बहुत थक जाएँगे। म...
3 अगस्त 2024
15 बेहतरीन शेर - 11 !!!
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1- लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है, उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी - फ़िराक़ गोरखपुरी 2- माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं, तू म...
27 जुलाई 2024
एक आँख वाला इतिहास
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मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा-- रंग में काला और धुन में कठोर । मैंने उस हाथ की आत्मा देखी-- साँवली और कोमल और कथा-कहानियों से भरपूर ...
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