20 दिसंबर 2023

बहुत कठिन है डगर पनघट की

इधर पत्थर का पूजन है तो इधर है मतलबी सजदा है
यह है मंदिर का शैदाई और यह है मस्जिद का दिलदारा
इसे है स्वर्ग का लालच तो यह जन्नत का मतवाला
इधर भी राह में चक्कर, इधर भी राह में चक्कर
इधर काशी में है पत्थर,उधर काबे में है पत्थर
इधर पत्थर का पूजन है , उधर पत्थर को बोसा है
समझ में कुछ नहीं आता के माजरा क्या है
इधर पंडित अकड़ते हैं के वो काशी में रहता है
उधर हैं शेख जी नादान के वो काबे में रहता है
यानी जैसे मस्ज़िद भीतर अल्लाह बंद
और इश्वर कैद शिवालय में
स्वर्ग में कब्ज़ा पंडित जी का
जन्नत अल्लाह वालन में
राम की पढ़ गयी खींचा तानी
राम पढ़े जंजालन में
अरे बहुत कठिन है डगर पनघट की

--- अमीर खुसरो

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