10 अगस्त 2012

तानाशाह

वह अभी तक सोचता है
कि तानाशाह बिल्‍कुल वैसा ही या
फिर उससे मिलता-जुलता ही होगा

यानी मूंछ तितलीकट, नाक के नीचे
बिल्‍ले-तमगे और
भीड़ को सम्‍मोहित करने की वाकपटुता

जबकि अब होगा यह
कि वह पहले जैसा तो होगा नहीं
अगर उसने दुबारा पुरानी शक्‍ल और पुराने कपड़े में
आने की कोशिश की तो
वह मसखरा ही साबित होगा
भरी हो उसके दिल में कितनी ही घृणा
दिमाग में कितने ही खतरनाक इरादे
कोई भी तानाशाह ऐसा तो होता नहीं
कि वह तुरन्‍त पहचान लिया जाये
कि लोग फजीहत कर डालें उसकी
चिढ़ाएं, छुछुआएं
यहां तक कि मौके-बेमौके बच्‍चे तक पीट डालें
अब तो वह आयेगा तो उसे पहचानना भी मुश्किल होगा|

---उदयप्रकाश

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