Dec 14, 2019

Nostalgia

When I was a boy
Nostalgia was a tiny stamp
I was at this end
My mother at that

When I grew up
Nostalgia was a slim steamer ticket
I was at this end
My bride at that


Years later
Nostalgia was a squatty tomb
I was out
My mother was in


But now
Nostalgia is a shallow strait
I am at this shore
The mainland is at that

--- Yu Guangzhong

Dec 13, 2019

गामा और लामा

गामा आए गाम पर !

जन-गण जय-जयकार मचाते
भारत-भाग्य-विधाता गाते
पत्रकारगण धाते आते
फोकस देते चाम पर !

लामा उतरे लाम पर !

हन-हन-हन हथियार चलाते
विरोधियों के किले ढहाते
ह्त्या करते, खून बहाते
धरम-करम के नाम पर !

लहू दामनेदाम पर !
लहू दामनेबाम पर !
कवि-कोकिल-कुल चाय चुसकते
कविता करते शाम पर !

--- राकेश रंजन

Dec 8, 2019

जब मैं ज़िंदा हूँ

मरने को चे ग्वेरा भी मर गए,
और चंद्रशेखर भी,
लेकिन वास्तव में कोई नहीं मरा है।
सब ज़िंदा हैं,
जब मैं ज़िंदा हूँ,
इस अकाल में।
मुझे क्या कम मारा गया है
इस कलिकाल में।
अनेकों बार मुझे मारा गया है,
अनेकों बार घोषित किया गया है
राष्ट्रीय अख़बारों में, पत्रिकाओं में,
कथाओं में, कहानियों में
कि विद्रोही मर गया।
तो क्या मैं सचमुच मर गया!
नहीं, मैं ज़िंदा हूँ,
और गा रहा हूं!

--- रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’