I wish the night was short, like my hair,
And that it was bright, like my heart,
And I could tie the distance between us with my life.
These tears are nothing but drops from my eyes,
And now I'm being rusted by them.
Yet the night is long, like my thoughts,
And horrifying, like my dreams,
And the distance as endless as my longing.
The sun is drunk, on the other side of the long pass where I came from,
Embraced by the night.
My hair has grayed,
But the night has remained dark.
Half of my hair is gone,
But the night is as thick as before.
— Abdushukur Muhammet ( Uyghur poet)
Nov 27, 2023
Nov 21, 2023
बेख़बर कुर्सियाँ आँख मलती रहीं
बेख़बर कुर्सियां आँख मलती रहीं
बस्तियाँ बेगुनाहों की जलती रहीं
आदमियत मोहब्बत शराफ़त वफ़ा
नागिनें आस्तीनों में पलती रहीं
दो बदन जितने नज़दीक होते गए
कुर्बतें फ़ासलों में बदलती रहीं
जब मिरी ज़िंदगी में अँधेरा हुआ
मेरे चारों तरफ़ शम्मे जलती रहीं
ज़हर पानी बना मछलियों के लिए
पंछियों को हवाएँ मसलती रहीं
ज़िंदगी तेरी नाज़ुक बदन लड़कियाँ
आग की शाहराहों पे चलती रहीं
--- बशीर बद्र
बस्तियाँ बेगुनाहों की जलती रहीं
आदमियत मोहब्बत शराफ़त वफ़ा
नागिनें आस्तीनों में पलती रहीं
दो बदन जितने नज़दीक होते गए
कुर्बतें फ़ासलों में बदलती रहीं
जब मिरी ज़िंदगी में अँधेरा हुआ
मेरे चारों तरफ़ शम्मे जलती रहीं
ज़हर पानी बना मछलियों के लिए
पंछियों को हवाएँ मसलती रहीं
ज़िंदगी तेरी नाज़ुक बदन लड़कियाँ
आग की शाहराहों पे चलती रहीं
--- बशीर बद्र
Nov 17, 2023
पक गई हैं आदतें, बातों से सर होंगी नहीं
पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं
कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं
इन ठिठुरती उँगलियों को इस लपट पर सेंक लो
धूप अब घर की किसी दीवार पर होगी नहीं
बूँद टपकी थी मगर वो बूँदो—बारिश और है
ऐसी बारिश की कभी उनको ख़बर होगी नहीं
आज मेरा साथ दो वैसे मुझे मालूम है
पत्थरों में चीख़ हर्गिज़ कारगर होगी नहीं
आपके टुकड़ों के टुकड़े कर दिये जायेंगे पर
आपकी ताज़ीम में कोई कसर होगी नहीं
कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं
इन ठिठुरती उँगलियों को इस लपट पर सेंक लो
धूप अब घर की किसी दीवार पर होगी नहीं
बूँद टपकी थी मगर वो बूँदो—बारिश और है
ऐसी बारिश की कभी उनको ख़बर होगी नहीं
आज मेरा साथ दो वैसे मुझे मालूम है
पत्थरों में चीख़ हर्गिज़ कारगर होगी नहीं
आपके टुकड़ों के टुकड़े कर दिये जायेंगे पर
आपकी ताज़ीम में कोई कसर होगी नहीं
Subscribe to:
Comments (Atom)