Poetry is untranslatable, like the whole art.
जी नमस्ते ,आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२३-०९-२०२१) को 'पीपल के पेड़ से पद्मश्री पुरस्कार तक'(चर्चा अंक-४१९६) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है। सादर
सुंदर रचना
वाह बहुत ही गहरे भाव!
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की जूते पर कही गयी कविताएँ समाज की विसंगतियों, उसमें व्याप्त अन्याय, शोषण और मानवीय कुंठाओं का बाक खुलासा करती हैं.
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२३-०९-२०२१) को
'पीपल के पेड़ से पद्मश्री पुरस्कार तक'(चर्चा अंक-४१९६) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही गहरे भाव!
जवाब देंहटाएंसर्वेश्वरदयाल सक्सेना की जूते पर कही गयी कविताएँ समाज की विसंगतियों, उसमें व्याप्त अन्याय, शोषण और मानवीय कुंठाओं का बाक खुलासा करती हैं.
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