Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
January 10, 2022
जेरूसलम
तुम एक नहीं
दो नहीं
तीन-तीन धर्मों की
पवित्र भूमि हो
फिर भी
इतनी नफ़रत!
इतनी अशांति!
इतना ख़ून!
हे दुनिया के प्राचीन शहर
क्या कभी तुम्हें लगता है
कि पवित्र भूमि की जगह तुम
काश! एक निर्जन भूमि होते।
~
महेश चंद्र पुनेठा
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment