18 फ़रवरी 2022

विपक्ष को कमज़ोर कहना

राजा ने कहा :
अच्छे लोकतंत्र के लिए
मज़बूत विपक्ष चाहिए
राजा के अनुयायी भी
यही कहते घूमते हैं :
विपक्ष कमज़ोर है
और वे भी जो
तटस्थ दिखना चाहते हैं
पूछते हैं :
विपक्ष कहाँ है ?
कभी-कभी तो
अफ़सोस भी जताते हैं :
विपक्ष कुछ कर नहीं पा रहा है
ये जो तटस्थ हैं
राजा के सबसे गहरे अनुयायी हैं
वे बात को
इस तरह कहने की कला जानते हैं
कि वह सत्य मालूम हो
समर्थन नहीं
रही बात विपक्ष की
तो उसे कमज़ोर कहना
उससे सहानुभूति नहीं
बल्कि राजा की
प्रशंसा है
यानी शासन इतना अच्छा है
कि विपक्ष
कमज़ोर ही हो सकता है

--- पंकज चतुर्वेदी

9 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१९-०२ -२०२२ ) को
    'मान बढ़े सज्जन संगति से'(चर्चा अंक-४३४५)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१९-०२ -२०२२ ) को
    'मान बढ़े सज्जन संगति से'(चर्चा अंक-४३४५)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. शासक मजबूत तो विपक्ष कमजोर ही रहेगा

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  4. वाह बहुत ही सटीक बात कही आपने!

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  5. बात सहमति-असहमति की नहीं,
    बात कहने के सलीके की है.
    बात-बात में दांव - पेंच हैं,
    बंधु,बात ये राजनीति की है !

    बढ़ियां है.

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