13 जून 2023

15 बेहतरीन शेर - 7 !!!

1. जनाबे शेख़ का फ़लसफ़ा, है अजीब सारे जहान से, जो वहाँ पियो तो हलाल है, जो यहाँ पियो तो हराम है - जिगर मुरादाबादी

2. दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे. जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों ... बशीर बद्र

3. देख रफ़्तार-ए-इंक़लाब 'फ़िराक़', कितनी आहिस्ता और कितनी तेज़ - फ़िराक़ गोरखपुरी

4. "पलकों पे कच्ची नींदों का रस फैलता हो जब, ऐसे में आँख धूप के रुख़ कैसे खोलिए" -परवीन शाकिर

5. इल्म में झिंगुर से बढ़ कर कामरां कोई नहीं, चाट जाता है किताबें, इम्तिहां कोई नहीं...!!! - ज़रीफ़ लखनवी

6. वक़्त करता है परवरिश बरसों, हादिसा एक दम नहीं होता - क़ाबिल अजमेरी

7. हम ने माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन , ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होते तक --- मिर्ज़ा ग़ालिब

8. जनाज़ा रोक कर मेरा वो इस अंदाज़ से बोले, गली हम ने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो ~ सफ़ी लखनवी

9. क़सम जनाज़े पे आने की मेरे खाते हैं ग़ालिब, हमेशा खाते थे जो मेरी जान की क़सम आगे - ग़ालिब

10. वो गलियाँ याद आती हैं जवानी जिन में खोई बड़ी हसरत से लब पर ज़िक्र ए गोरखपुर आता है - रियाज़ ख़ैराबादी

11. बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना. आदमी को भी मय्यसर नहीं इंसां होना - ग़ालिब.

12. पेट के तक़ाज़ों ने कर दिया है नाबीना, दाना याद रहता है, दाम भूल जाता हूं ...!!! - क़तील शिफ़ाई

13. कोई जन्नत का तालिब है, कोई ग़म से परेशां है, ज़रूरत करवाती है सजदे, वर्ना इबादत यहां कौन करता है - महशर आबिदी

14. तैयार थे नमाज़ पे, हम सुन के ज़िक्र-ए-हूर, जलवा बुतों का देख के नीयत बदल गई ! - अकबर इलाहाबादी

15. “मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस, ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं” - जौन एलिया

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें