एहसास जिंदगी है, और जिदंगी एहसास ॥
अहसास ना हो तो उसूलों का क्या करें ।
दिल से दिल की ज्योत जलता है एहसास ॥
अहसास ना हो तो उसूलों का क्या करें ।
दिल से दिल की ज्योत जलता है एहसास ॥
इंसानियत का राज़ है, इंसान का एहसास ।
एहसास जिंदगी है, और जिदंगी एहसास ॥
फ़ितरतों के बोझ से दबे है आदमी ।
नफ़रतों के आग में जला है आदमी ॥
भेद भाव रंग क्लेश को काट के ।
फ़ितरतों के बोझ से दबे है आदमी ।
नफ़रतों के आग में जला है आदमी ॥
भेद भाव रंग क्लेश को काट के ।
एहसास बनता है आदमी को आदमी, आदमी को आदमी ॥
इंसानियत का राज़ है, इंसान का एहसास ।
एहसास जिंदगी है, और जिदंगी एहसास ॥
--- पंचानन पाठक ( सीरियल का नाम: अहसास)
--- पंचानन पाठक ( सीरियल का नाम: अहसास)
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