Lyrics of Life
Poetry is untranslatable, like the whole art.
January 6, 2024
जख़्म
इन गलियों से
बेदाग़ गुज़र जाता तो अच्छा था
और अगर
दाग़ ही लगना था तो फिर
कपड़ों पर मासूम रक्त के छींटे नहीं
आत्मा पर
किसी बहुत बड़े प्यार का ज़ख़्म होता
जो कभी न भरता |
~
कुँवर नारायण
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