Nov 14, 2019

The Average Child

I don’t cause teachers trouble;
My grades have been okay.
I listen in my classes.
I’m in school every day.
My teachers think I’m average;
My parents think so too.
I wish I didn’t know that, though;
There’s lots I’d like to do.

I’d like to build a rocket;
I read a book on how.
Or start a stamp collection…
But no use trying now.

’Cause, since I found I’m average,
I’m smart enough you see
To know there’s nothing special
I should expect of me.

I’m part of that majority,
That hump part of the bell,
Who spends his life unnoticed
In an average kind of hell.

~ Mike Buscemi

Nov 9, 2019

मैं यह कविता तुम्हें सौंपता हूं

मैं यह कविता तुम्हें सौंपता हूं
चूंकि मेरे पास देने को और कुछ नहीं
इसे एक गर्म कोट की तरह रखना
जब ठंड तुम्हें जकड़ने आए
या एक जोड़ी मोटे जुराबों की तरह
जिनके पार नहीं जा सकती है ठंड,

मैं तुम्हें प्यार करता हूं,

मेरे पास तुम्हें देने को और कुछ नहीं
इसलिए यह मक्के से भरा हुआ बर्तन लो
ठंड में तुम्हारे पेट को उष्ण रखने के लिए
तुम्हारे सिर के लिए स्कार्फ है यह,
जिसे तुम बांध सकती हो अपने केशों पर
अपने चेहरे के चारों तरफ लपेट सकती हो,

मैं तुमसे प्यार करता हूं,

रखो इसे, संभालो इसे जब तुम खो जाओगी
हो जाओगी दिशाहीन जीवन के वन में,
जब जीवन होगा गंभीर
अपने दराज के कोने में रखो इसे
जैसे हो यह कोई शरणस्थली या
घने जंगल के बीच एक झोंपड़ी
आना द्वार पर तुम और मैं दूंगा तुम्हें उत्तर, दूंगा दिशाज्ञान,
और तुम्हें सेंकने दूंगा जलती हुई आग,
आराम करो और स्वयं को समझो सुरक्षित,

मैं तुमसे प्यार करता हूं,

मेरे पास देने को इतना ही है
और इतना ही जीने के लिए चाहता है कोई
और अंतर तुम्हारा जीवित रहे
भले ही बाहर की दुनिया
न करे परवाह कि तुम जिंदा हो कि मर गई
रखना याद,

मैं तुम्हें प्यार करता हूं.

--- Jimmy Santiago Baca, अनुवादक: उपासना झा

Oct 12, 2019

जो हुआ सो हुआ

उठ के कपड़े बदल
उठ के कपड़े बदल
घर से बाहर निकल
जो हुआ सो हुआ॥

जब तलक साँस है
भूख है प्यास है
ये ही इतिहास है
रख के कांधे पे हल
खेत की ओर चल
जो हुआ सो हुआ॥

खून से तर-ब-तर
कर के हर राहगुज़र
थक चुके जानवर
लड़कियों की तरह
फिर से चूल्हे में जल
जो हुआ सो हुआ॥

जो मरा क्यों मरा
जो जला क्यों जला
जो लुटा क्यों लुटा
मुद्दतों से हैं गुम
इन सवालों के हल
जो हुआ सो हुआ॥

मंदिरों में भजन
मस्ज़िदों में अज़ाँ
आदमी है कहाँ
आदमी के लिए
एक ताज़ा ग़ज़ल
जो हुआ सो हुआ।।

--- निदा फ़ाज़ली