Jan 19, 2024

गीत नया गाता हूं

पहली अनुभूति

बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं
गीत नहीं गाता हूं
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं
गीत नहीं गाता हूं

पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांद
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं
गीत नहीं गाता हूं

दूसरी अनुभूति

गीत नया गाता हूं
टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिमा की रेख देख पता हूं
गीत नया गाता हूं

टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी
अन्तर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,
काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं
गीत नया गाता हूं

--- अटल बिहारी वाजपेयी

Jan 14, 2024

अल्लाह तेरो नाम

अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
सब को सन्मति दे भगवान
अल्लाह तेरो नाम

माँगौं का सिन्दूर न छूटे
मां बहनों की आश न टूटे
देह बिना दाता
भटके न प्राण
सब को सन्मति दे भगवान
अल्लाह तेरो नाम

ओ सारे जग के रखवाले
निर्बल को बल देने वाले
बलवानों को दे दे ज्ञान
सब को सन्मति दे भगवान
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम

अल्लाह तेरो नाम

--- साहिर लुधियानवी

Jan 6, 2024

जख़्म

इन गलियों से
बेदाग़ गुज़र जाता तो अच्छा था
और अगर
दाग़ ही लगना था तो फिर
कपड़ों पर मासूम रक्त के छींटे नहीं
आत्मा पर
किसी बहुत बड़े प्यार का ज़ख़्म होता
जो कभी न भरता |

~ कुँवर नारायण